Sarzameen Movie Review: Kajol और Prithviraj की इस Patriotic Thriller ने क्यों Mixed Reactions बटोरे?
आपको आश्चर्य होगा कि हाल ही में रिलीज़ हुई Bollywood फिल्म “Sarzameen” ने social media और audience review circles में काफी चर्चाएं बटोरी हैं। माना जाता है कि Karan Johar के Dharma Productions की इस patriotic thriller को लेकर लोगों की उम्मीदें काफी ऊँची थीं, खास तौर पर इसके स्टारकास्ट—Kajol, Prithviraj Sukumaran, और Ibrahim Ali Khan को देखते हुए। लेकिन क्या ये फिल्म सच में उन उम्मीदों पर खरी उतरी? आइए एक blogger की नजर से इसकी पूरी पड़ताल करें।
कहानी का सार (Plot Summary)
Sarzameen की कहानी एक Army family के इर्द-गिर्द घूमती है। Major Vijay Menon (Prithviraj Sukumaran) एक dedicated army officer हैं, जो Kashmir में militancy के खिलाफ ऑपरेशन लीड कर रहे हैं। दूसरी ओर, उनका बेटा Harman (Ibrahim Ali Khan) बचपन से ही speech disorder से जूझ रहा है, जिससे उनके रिश्ते में तनाव बना रहता है।
घर में Meher (Kajol), एक पत्नी और माँ के रूप में इन दोनों के बीच का emotional पुल हैं, जो अपने बेटे की तकलीफ और पति की principles के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करती है।
एक terrorist exchange operation के दौरान Harman का kidnapping हो जाता है, और इसके बाद की घटनाएं न सिर्फ इस परिवार की dynamics बदल देती हैं, बल्कि patriotism के मायने भी नए रूप में सामने आते हैं। कुछ साल बाद जब Harman वापस आता है, suspense यह बना रहता है—क्या वह वही लड़का है या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा?
Sarzameen Movie के Cast और Performances
Prithviraj Sukumaran
Prithviraj ने Major Menon के रोल में ज़बरदस्त emotional depth लाई है। एक scene में जब वह अपने बेटे के बदले duty या पितृत्व के बीच संघर्ष करते हैं, तो उनके चेहरे के expressions कहानी को और असरदार बनाते हैं। मेरे हिसाब से, Prithviraj का performance इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।
Kajol
Kajol हमेशा की तरह maturity और grace के साथ screen पर नजर आईं। Meher के किरदार में उन्होंने एक पत्नी और माँ के बीच का balancing act शानदार तरीके से निभाया। कई reviewers ने उन्हें film की “emotional anchor” कहा है।
Ibrahim Ali Khan
Ibrahim अपनी पहली फिल्म Nadaaniyan के बाद इस बार थोड़ा ज्यादा confident नजर आए, लेकिन उनका character sketch और dialogues उतने strong नहीं थे। उनका performance average रहा।
Direction, Screenplay और Cinematography
Sarzameen को direct किया है Kayoze Irani ने, जो veteran actor Boman Irani के बेटे हैं। बतौर debut director उन्होंने emotional और patriotic angle दिखाने की कोशिश की है। शुरुआत में Kashmir का chaos और family tension आपको बांधे रखते हैं, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, screenplay थोड़ा भटकता नजर आता है।
Cinematography में Kashmir की वादियाँ और tension-filled scenes अच्छी तरह से दिखाए गए हैं, लेकिन action और emotionally loaded scenes की impact उतनी deep नहीं हो पाती।
Songs, Background Score और Technicals
Background score कई जगह overly dramatic लगता है, जिससे scenes में emotional overload आता है। कुछ जगहों पर silence ज्यादा प्रभावी होता, लेकिन उसे miss कर दिया गया। Songs भी narrative में fit नहीं बैठते।
Technical flaws में dubbing noticeable है, खासतौर पर Prithviraj Sukumaran की voice कई जगह sync में नहीं लगती।
Audience & Critics Reaction
Social media reactions ज्यादातर mixed to underwhelming रहे। कुछ लोगों को film का twist पसंद आया, पर अधिकतर viewers ने इसे flat और predictable बताया।
Twitter/X पर reactions में लिखा गया:
“A solid premise but failed to deliver. Great actors, weak writing.”
Reddit जैसे platforms पर भी यही भावना देखने को मिली कि film की theme strong है, पर execution कमजोर।
Themes: Patriotism, Family, और Conflict
मुझे लगता है, Sarzameen उस irony को दिखाने की कोशिश करती है जिसमें patriotism और personal grief का टकराव है। Film radicalisation और redemption जैसे मुद्दों को छूती तो है, लेकिन उतनी गहराई से नहीं कि दर्शक emotionally जुड़ सकें।
क्या देखें या छोड़ें? (To Watch or Not)
In my opinion, अगर आप Prithviraj Sukumaran या Kajol के fan हैं और military family dynamics पर बनी emotional stories पसंद करते हैं, तो आप इसे एक बार देख सकते हैं। कुछ moments genuinely touch करते हैं, लेकिन कोई breakthrough content नहीं है।
निष्कर्ष
मेरे हिसाब से, Sarzameen एक promising concept के साथ शुरू होती है लेकिन उसे निभा नहीं पाती। Strong performances होने के बावजूद weak screenplay और average direction फिल्म को खींचने में नाकाम रहते हैं।
अगर आप patriotic thrillers के शौकीन हैं और कुछ नया देखने की उम्मीद कर रहे हैं, तो हो सकता है ये film आपको पूरी तरह satisfy न करे। लेकिन अगर आप सिर्फ emotions और relationships के लिए देखना चाहते हैं, तो एक बार मौका दिया जा सकता है।
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